Vision
जीवन में किया गया प्रत्येक कार्य तत्त्वज्ञान से प्रभावित नहीं होता, परन्तु यदि उसमें तत्त्वज्ञान समाहित हो जाए तो कर्म और उसका फल गुलाब की सुगंध के समान हो जाता है। कहा जाता है कि दर्शनशास्त्र ही मनुष्य और पशु के बीच के अंतर को स्पष्ट करता है।
“इंडिया चैनल के बारे में” का विजन भी एक दर्शन के साथ चल रहा है जिसमें भारतीय संस्कृति के ज्ञान का विस्तार करना शामिल है। वर्तमान युवा पीढ़ी कई मायनों में बहुत समृद्ध है और उनका तर्क और वैज्ञानिकता में विश्वास एक महान सोच है जो एक प्रगतिशील समाज में भी होनी चाहिए। लेकिन यह भी दुर्भाग्य है कि भारतीय संस्कृति को युवाओं तक उस ढंग से नहीं पहुंचाया गया, जिस तरह उन्हें पहुंचना चाहिए था। यही कारण है कि इस चैनल ने भारतीय संस्कृति की जानकारियों को तर्क और वैज्ञानिकता के आधार पर, थोड़ा-बहुत उत्तरदायित्व समझकर प्रस्तुत करने का दूरगामी दर्शन ग्रहण किया है। इसके माध्यम से चैनल का उद्देश्य भारतीय संस्कृति का प्रसार करना है, लेकिन यह तभी हो सकता है जब इसके वाहक स्वयं तर्क और विज्ञान को प्राथमिकता दें, जो ‘एक भारत और श्रेष्ठ भारत’ का मार्ग प्रशस्त करेगा। जय हिन्द
Every work done in life is not influenced by philosophy, but if philosophy is included in it, than the work & it’s results becomes like the fragrance of a rose. It is said that philosophy itself clarifies the difference between human and animal.
The VISION of “ABOUT INDIA CHANNEL”
is also going on with a philosophy which includes expanding the knowledge of Indian culture. The present youth generation is very prosperous in many ways and their faith in logic and scientificity is a great thinking which should also be there in a progressive society. But it is also a misfortune that Indian culture has not been conveyed to the youth in the way it should have reached them. This is the reason why this channel has taken a far reaching philosophy of presenting the in- formation of Indian culture on the basis of logic and scientificity, understanding a little bit of responsibility. Through this, the channel aims to spread Indian cul- ture, but this can happen only when its carriers them- selves give priority to logic and science, which will pave the way for ‘Ek Bharat and Shrestha Bharat.’ JAI HIND